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मिल्लेट क्या हैं और क्यों व कैसे खाना चाहिये उन्हें? Free Talk in Hindi
Saturday 22nd May 2021
Online on Zoom, Online Events
आज़ादी के बाद हमारे देश मैं हरित क्रांति आईI इसके बाद हमने चावल और गेहुं को मुख्य अनाज मान लियाI पहले जहाँ हमारे देश में मिल्लेट यानि छोटे धान उगाए जाते थे वह अब धीरे धीरे खत्म होते चले गयेI इन्सेक्टिसाइड, पेस्टिसाइड, और रसायनिक खाद के प्रयोग से पैदावार तो ज्यादा हो गयी मगर इस तक्नीक कि वजह से हमारी पृथ्वी, जल, वायु और खाध्य पदार्थों में आंशिक रूप से पेस्टिसाइड रह गयाI
इसके फल स्वरूप हम आज के दिन में कई बीमारियों से पीडित रहने लगें हैंI जैसे मधुमेह, उच्च रक्त चाप, केंसर, अल्सेर, एसिडीटी, आर्थरिटेस, मोटापा, पर्किन्सोन सिंड्रोम, अल्ज़ैमर इत्यादिI अब तो बच्चे भी इन बीमारियों से बचे नहीं और हमे बार – बार अस्पतालों के चक्कर लगाने पड रहें हैंI
किसान भी इस चक्र्व्यूह मैं फंस चुके हैI बडी खाद कि कम्पनियों के हाथों मजबूर होकर उनसे खाद और बीज खरीदना पड रहा हैI एक हाथ तो किसान, अपनी मिट्टी की उर्वरता को खत्म कर रहें हैं, दूसरी तरफ समाज को जहरीला अनाज उगा कर दे रहें हैंI धीरे धीरे फसल उप्जाने कि कीमत बढ़ जाती है, फसल के लिये आकर्शक कीमत नहीं मिलती और कर्ज मैं फस कर किसान आत्म्हत्या करने को मजबूर हो रहा हैI
किसान को चाहिये आर्थिक सुरक्षा और जनता को चाहिए सेहतमंद खानाI
इसका क्या उपाय है?
आजकल पानी अपने आप मैं एक बहुत बडा प्रश्न चिन्ह हैI मिल्लेट या छोटे धान इस समस्या का इलाज हैंI
आइये, हमारे कार्यक्रम में शामिल हो कर समझिये कि किस तरह से कई समस्याओं का समाधान नागरिकों के सही फैसलों से हो सकता हैI मिल्लेट खाइये और सेहत व किसान दोनों को बचाईयेI
After independence our country rejoiced in the green revolution. After this we became self sufficient in grains but got habituated to eating rice and wheat, which became our staple food. Earlier our farmers used to grow millets but that slowly reduced and later almost disappeared. Due to the increased use of chemical fertilizers, insecticides and pesticides production increased but pesticide residue remained in our food. Due to this many of us now suffer from several diseases like diabetes, high B.P., cancer, ulcer, acidity, arthritis, obesity, Parkinson syndrome, Alzheimer etc. Now even children suffer from these diseases and we have to frequently visit the hospitals.
Now even the farmers are trapped in this vicious circle. They are forced to buy fertilizers and seeds from large fertilizer companies. On one hand farmers are destroying soil fertility and on the other hand providing people with poisonous food. With time, the cost of cultivation grows and remunerative prices are not available and trapped in debt, the farmers are forced to commit suicide.
The farmer needs financial security and the society needs healthy food.
What is the solution for all this?
In today’s times water itself is a big question mark and millets provide a solution to all this.
Come; Join us to learn more about how several issues can be resolved with the timely decisions of the common man. Consume millets and save your own health and the farmer too.
Date: शनिवार, २२ मई २०२१ / Saturday 22nd May 2021
Time: शाम ६:00 से ६:४५ बजे तक / 6.00 pm – 6.45 pm IST + Q & A
This is a free event but registration is must.
Presenter: Sharmila Kannan